एक तरफ मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ अभियान चलाकर पंजाब को हरा-भरा बनाने की बात की जा रही है, लेकिन दूसरी तरफ अदालती आदेशों के बावजूद अमृतसर की सेंट्रल जेल में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अमृतसर सेंट्रल जेल से मोबाइल फोन के जरिए नशा तस्करी के मामले में पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। इस मामले के तार पाकिस्तान समेत कई विदेशी तस्करों से जुड़े हैं।
सोमवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की सख्ती के बावजूद जेल से यह धंधा क्यों नहीं रुक रहा है? यह स्पष्ट है कि इसमें केवल जेल अधिकारी ही शामिल नहीं हैं, बल्कि गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। केवल कुछ कैदियों के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों की जाती है, जेल अधिकारियों के खिलाफ क्यों नहीं? अब हाईकोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए एडीजीपी जेल को इस रैकेट में शामिल जेल अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
आपको बता दें कि एक खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था। बाद में पूछताछ के दौरान पता चला कि उसका एक साथी, जो पहले से ही नशा तस्करी के मामले में गिरफ्तार है और अमृतसर जेल में बंद है, जेल के अंदर से मोबाइल फोन के जरिए नशे का कारोबार चला रहा था। जब कैदी का फोन जब्त किया गया तो पता चला कि उसके फोन से पाकिस्तान समेत कई अंतरराष्ट्रीय नशा तस्करों को कॉल की गई थी। यह बात तब प्रकाश में आई जब आरोपी ने हाईकोर्ट से जमानत मांगी।
हाईकोर्ट ने अब इस आरोपी की जमानत याचिका तो खारिज कर दी है, लेकिन इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अब पंजाब के एडीजीपी जेल को जेल अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
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