पंजाब राज्य बाल अधिकार आयोग ने होशियारपुर जिले के माहिलपुर कस्बे में दिल्ली इंटरनेशनल स्कूल से फीस न भरने पर एक बच्चे को निकाले जाने के मामले में अहम फैसला सुनाया है। दिल्ली इंटरनेशनल स्कूल की प्रशासक कविता शर्मा को आयोग द्वारा दिए गए इस अनूठे आदेश में झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाने को कहा गया है।
आपको बता दें कि 27 नवंबर 2024 को दिल्ली इंटरनेशनल स्कूल द्वारा एक छोटे बच्चे को फीस जमा न करवाने पर स्कूल से निकाल दिया गया था, जिसके बाद पूजा रानी पत्नी ज्योति ब्रह्म सरूप बाली निवासी माहिलपुर ने एसडीएम कार्यालय गढ़शंकर को दिए प्रार्थना पत्र में बताया था कि उसकी 4 वर्षीय बेटी जो इंटरनेशनल स्कूल की माहिलपुर शाखा में नर्सरी में पढ़ती है को स्कूल की एक महिला अध्यापिका ने फीस जमा न करवाने पर स्कूल से निकाल दिया है। इसके बाद परिवार ने पंजाब राज्य बाल आयोग से भी संपर्क किया।
इस मामले में अब पंजाब राज्य बाल आयोग ने फैसला देते हुए दिल्ली इंटरनेशनल स्कूल की प्रशासक कविता शर्मा को आदेश दिया है कि वह 31 मार्च 2025 तक झुग्गी-झोपड़ियों के 20 ऐसे बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाएं जो स्कूल नहीं जाते हैं। उन्हें 31 मार्च तक यह आदेश पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
इस संबंध में बच्चे की मां पूजा बाली ने कहा कि वह इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लड़की अभी भी उस घटना से उबर नहीं पाई है। आज भी वह अपने टेडी से बात करते हुए कहती है कि अगर उसने स्कूल की फीस नहीं भरी तो टीचर उसे स्कूल से निकाल देंगे। पूजा बाली ने बताया कि स्कूल ने आज तक उस अध्यापक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है और आज भी वह अध्यापक नियमित रूप से उसी स्कूल में आ रहा है। उन्होंने कहा है कि वे अपने बच्चे को न्याय दिलाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।
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