दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम पर असमंजस के बीच रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने की संभावना है। रिपोर्टों के अनुसार, भाजपा ने आरएसएस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसमें शीर्ष पद के लिए गुप्ता का नाम सुझाया गया था। आपको बता दें कि आज शाम दिल्ली बीजेपी विधायक दल की बैठक में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भाजपा विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़ को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने का स्वागत किया।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा संसदीय दल ने रेखा गुप्ता और प्रवेश वर्मा समेत 5 नामों पर चर्चा की है और पर्यवेक्षकों के नाम भी तय कर लिए गए हैं। रात करीब 8 बजे विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान किया जाएगा।
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से शुरू हुआ, जहां वे दिल्ली विश्वविद्यालय की सचिव रह चुकी हैं। इसके अलावा, रेखा गुप्ता शहरी और ग्रामीण समुदायों से जुड़ी हुई हैं, क्योंकि उनका परिवार जुलाना (हरियाणा) में व्यवसाय करता है, जबकि उनका राजनीतिक और शैक्षिक विकास दिल्ली में हुआ।
रेखा गुप्ता के पिता भारतीय स्टेट बैंक में काम करते थे, इसलिए उनका परिवार दिल्ली आ गया। उनके दादा मणिराम जिंदल गांव में रहते थे और उनका परिवार व्यापार से संबंधित कई पारंपरिक जिम्मेदारियां निभाता था। वह अब भी समय-समय पर अपने गांव जाती हैं और अपने परिवार से जुड़ी रहती हैं।
रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से आती हैं, जो दिल्ली में बड़ी संख्या में है। वैश्य समुदाय को भाजपा का मुख्य मतदाता माना जाता है। उनके राजनीतिक अनुभव और लोकप्रियता को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर दिल्ली में कोई महिला मुख्यमंत्री चुनी जाती है तो रेखा गुप्ता की उम्मीदवारी काफी मजबूत हो सकती है। वर्तमान में देश में भाजपा की कोई भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है।
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