पंजाब पुलिस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार में लिप्त 52 पुलिस अधिकारियों को अब तक बर्खास्त किया जा चुका है। इसमें कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के कर्मचारी शामिल हैं। यह दावा पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। उन्होंने कहा कि पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी। पुलिस में काली भेड़ों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस की तर्ज पर ई-एफआरईआर दाखिल करने की प्रक्रिया एक महीने में शुरू हो जाएगी। दो दिन पहले मुक्तसर के डीसी को निलंबित कर दिया गया था। पंजाब सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके साथ ही, पंजाब पुलिस नागरिक-अनुकूल प्रणाली लागू कर रही है। इससे पहले पुलिस द्वारा 43 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाती थीं। इसके साथ ही अब इसका दायरा भी बढ़ाया जाएगा। इसमें लगभग 60 सेवाएं शामिल होंगी। लोग इन सेवाओं का लाभ कॉमन सेंटर या घर से उठा सकेंगे।
इसके अलावा दिल्ली पुलिस की तरह पुलिस भी अब मोटर वाहन चोरी के लिए ई-एफआईआर प्रणाली शुरू करने जा रही है। इसे एक महीने के भीतर क्रियान्वित किया जाएगा। इसलिए राज्य स्तरीय ई-पुलिस स्टेशन अधिसूचित किया जाएगा। इसलिए हमने पंजाब सरकार से संपर्क किया है। जहां से वाहन चोरी की शिकायतें संबंधित थाने और पीड़ित को भेजी गईं। यदि शिकायत का 21 दिन के भीतर समाधान नहीं किया गया तो अप्रतिबंधित रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। यह जानकारी पीड़ित के इनबॉक्स में चली जाएगी। इसके लिए हमें उच्च न्यायालय की मंजूरी की आवश्यकता है। हमने इसके लिए आवेदन किया है। साथ ही, अगर जांच में कुछ भी सामने आता है तो जांच फिर से शुरू की जाएगी।
पुलिस ने इंडिया पुलिस फाउंडेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत हमने रोपड़, मोहाली और फतेहगढ़ साहिब तीन जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसमें पुलिस द्वारा प्रदान की गई सेवाओं का ऑडिट भी शामिल होगा। इसमें शिकायतों के निवारण, पुलिस व्यवहार और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए जाएंगे। इसके बाद इसे पूरे क्षेत्र में लागू किया जाना चाहिए।
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