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विजिलेंस ब्यूरो ने धोखाधड़ी से 12 करोड़ रुपये का मुआवजा लेने वाले भगोड़े आरोपी को किया गिरफ्तार


चंडीगढ़: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने वर्ष 2016-17 में जिला एसएएस के गांव बाकरपुर में छापेमारी की है। शहर के अमरुद बाग घोटाले में सह-आरोपी चंडीगढ़ निवासी सुखदेव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत करके अपने और अपनी पत्नी के खातों में धोखाधड़ी करके करीब 12 करोड़ रुपये का मुआवजा प्राप्त किया था।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि सुखदेव सिंह ने धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी रिकार्ड से छेड़छाड़ करके इस आपराधिक साजिश में विशेष भूमिका निभाई, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ और दोषी ने रिश्वत के माध्यम से अवैध वित्तीय लाभ भी प्राप्त किए।

इस संबंध में ब्यूरो द्वारा की गई जांच में पता चला कि एस.ए.एस. शहर में एरोट्रोपोलिस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान, आरोपी सुखदेव सिंह ने फर्जी अमरूद के बाग लगाने के लिए अवैध रूप से अधिक मुआवजा लेने के इरादे से गांव बाकरपुर में 3 कनाल 16 मरले जमीन खरीदी थी। बाद में उन्होंने मुख्य आरोपी भूपिंदर सिंह निवासी बाकरपुर के साथ मिलकर इस गांव में अधिग्रहित की जाने वाली जमीन पर अमरूद के बाग होने को साबित करने की साजिश रची। उन्होंने संबंधित बागवानी विकास अधिकारी के साथ मिलकर धोखाधड़ी से पौधों का मूल्यांकन तीन वर्ष से अधिक पुराना कर दिया तथा उन्हें फलदार वृक्षों की श्रेणी में मुआवजे के लिए पात्र दिखा दिया।

इस धोखाधड़ी योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रवक्ता ने कहा कि सुखदेव सिंह और भूपिंदर सिंह के बीच एक समझौता हुआ था जिसके तहत सुखदेव सिंह कर्मचारियों को रिश्वत देने सहित सभी खर्चे वहन करेगा जबकि भूपिंदर सिंह रिश्वत और अपने पद के माध्यम से भूमि अधिग्रहण कलेक्टर (एलएसी), ग्रेटर मोहाली क्षेत्र विकास प्राधिकरण (जीएमएडीए) से धोखाधड़ी से प्राप्त मुआवजा राशि का दो-तिहाई हिस्सा रखेगा।

उन्होंने आगे बताया कि गांव बाकरपुर का मूल खसरा गिरदावरी माल रजिस्टर (2016-2021) नष्ट कर दिया गया था ताकि इस धोखाधड़ी का पता न चल सके और 2019 में एक नया फर्जी खसरा गिरदावरी रजिस्टर तैयार किया गया। भूपिंदर सिंह ने राजस्व पटवारी बचित्तर सिंह के साथ मिलकर भूमि अभिलेखों में हेराफेरी करके पके हुए अमरूद के बागों की उपस्थिति को सही ढंग से दर्शा दिया। इसके बाद सुखदेव सिंह और उसकी पत्नी हरबिंदर कौर ने धोखाधड़ी करके गमाडा से क्रमश: 2,40,96,442 रुपये और 9,57,86,642 रुपये प्राप्त कर लिए।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि अवैध रूप से प्राप्त मुआवजे में से भूपिंदर सिंह का हिस्सा हस्तांतरित करने के लिए सुखदेव सिंह ने वर्ष 2022 में मोहाली जिले के गांव चप्परचिड़ी में लगभग 6 बीघा जमीन भूपिंदर सिंह को कम कीमत पर बेच दी। इसी तरह, मोहाली के कैलों गांव में उनकी पत्नी हरबिंदर कौर की 32 कनाल जमीन भी भूपिंदर सिंह को कम कीमत पर बेच दी गई।

प्रवक्ता ने आगे कहा कि बार-बार सम्मन के बावजूद सुखदेव सिंह कानूनी कार्यवाही से बच रहे हैं और जांच के दौरान सहयोग नहीं कर रहे हैं। अन्य सह-आरोपी लाभार्थियों की तरह उन्होंने धोखाधड़ी से प्राप्त मुआवजा राशि को स्वेच्छा से राजकोष में जमा नहीं कराया और न ही अदालत से अग्रिम जमानत मांगी।

उन्होंने कहा कि अब तक लाभ प्राप्त करने वाले सह-अभियुक्तों द्वारा 86 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं और इस आरोपी से 12 करोड़ रुपये की वसूली के साथ, वसूल की जाने वाली मुआवजे की कुल राशि 100 करोड़ रुपये हो जाएगी। इस मामले में अब तक कुल 7 सरकारी कर्मचारियों और 16 नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है तथा आगे की जांच जारी है।


 

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