पिछले एक साल के दौरान पंजाब में 474.49 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी हुई, लेकिन केवल 69 लाख रुपये की ही वसूली हो पाई। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को इस पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने के आदेश दिए हैं। अदालत ने सरकार से यह भी पूछा कि उन मामलों के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं जिनमें आरोपी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं।
हाईकोर्ट ने ये आदेश पंजाब स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. करमजीत सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसके साथ साइबर धोखाधड़ी हुई है। उन्हें 'सीक्रेट एस्केप्स' टेलीग्राम समूह के माध्यम से काम करने वाले घोटालेबाजों द्वारा धोखा दिया गया और मुनाफे का वादा करके निवेश करने के लिए लुभाया गया। बाद में उन्हें पता चला कि वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं। उन्होंने साइबर पुलिस (पंजाब पुलिस) को शिकायत दी और जालसाजों के बारे में जानकारी भी दी, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। जबकि नए कानून के अनुसार शिकायत की 14 दिन की जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पिछले एक साल के दौरान पंजाब में साइबर धोखाधड़ी के मामलों की जानकारी मांगी थी। सरकार ने इस आदेश पर यह जानकारी दी है।
Post a Comment