पंजाब डेस्क : सोमवार दोपहर को प्रदर्शनकारी किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली चलो मार्च शुरू करते हुए बैरिकेड्स तोड़ दिए। सुरक्षा बलों ने 3-स्तरीय सुरक्षा योजना लागू की है और जांच के लिए विभिन्न स्थानों पर लगभग 5000 पुलिस कर्मियों और 1,000 पीएससी कार्यकर्ताओं को तैनात किया है। अधिकारियों ने कहा कि वाटर कैनन, टीजीएस दस्ता, अग्निशमन दस्ता और अन्य को भी आपात स्थिति और यातायात प्रबंधन के लिए तैनात किया गया है। दिल्ली में आने-जाने वाले यातायात को प्रबंधित करने के प्रयास चल रहे हैं क्योंकि वाहनों को लंबी कतारों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। शंभू और खनौरी में दो सीमा बिंदुओं पर बहुस्तरीय बैरिकेड्स लगाए गए थे, जहां प्रदर्शनकारी किसान डेरा डाले हुए हैं। फरवरी के मध्य में सुरक्षा बलों द्वारा उनके विरोध मार्च को रोके जाने के बाद से कई किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर बने हुए हैं। घटना के तुरंत बाद केंद्र के साथ अंतिम दौर की वार्ता हुई, लेकिन परिणाम नहीं निकल पाए। पिछले हफ़्ते किसानों ने घोषणा की थी कि वे अपना आंदोलन तेज़ करेंगे और 26 नवंबर से आमरण अनशन शुरू करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि उन्होंने "नौ महीने तक सरकार की ओर से शांतिपूर्वक प्रतीक्षा करने" के बाद दिल्ली की ओर मार्च करने का विकल्प चुना है।
किसानों की योजना अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर शंभू सीमा से जत्थों में राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने की है। पहले समूह ने 2 दिसंबर को दोपहर में नोएडा में महा माया फ्लाईओवर के नीचे से अपना मार्च शुरू किया।
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