Judicial magistrate first class की अदालत ने एक Commitment order दिया है, जिसमें कहा गया है कि 1991 में बलवंत सिंह मुल्तानी के लापता होने के मामले में आरोपी सुमेध सिंह सैनी और कंवल इंद्रपाल सिंह के खिलाफ लगाए गए अपराध आईपीसी की धारा 302, 364, 201, 344, 330, 219 और 120-बी के तहत दंडनीय हैं। अदालत ने कहा कि चूंकि धारा 302 (हत्या) और 364 (अपहरण) के तहत अपराध केवल मुख्य सत्र न्यायालय द्वारा ही विचारणीय हैं, इसलिए इस मामले को 7 जनवरी, 2025 के लिए मुख्य सत्र न्यायाधीश, मोहाली की अदालत को सौंप दिया गया है।
5 नवंबर को पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और केआईपी सिंह को मामले में मुख्य चालान और एक पूरक चालान दिया गया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सैनी की नई एफआईआर को रद्द करने की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल की जा चुकी है। सैनी और छह अन्य पर 1991 में मुल्तानी के लापता होने के सिलसिले में मई 2020 में मोहाली के एक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। अगस्त में दो आरोपी पुलिसकर्मियों के बयान देने के बाद हत्या का आरोप जोड़ा गया था।
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