पंजाब डेस्क : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क, महासचिव शेर सिंह मंडवाला और कार्यकारी सदस्य दलजीत सिंह भिंडर की सदस्यता वाली एक उप-समिति गठित की है।
गौरतलब है कि श्री मुक्तसर साहिब के निवासी गुरप्रीत सिंह ने दावा किया था कि उसकी शादी जत्थेदार की साली से हुई है। उसने 16 दिसंबर को जत्थेदार के खिलाफ एसजीपीसी अध्यक्ष के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।
उसने आरोप लगाया था कि जत्थेदार ने उसके वैवाहिक जीवन में दखल दिया और उसकी पत्नी को बहला-फुसलाकर उससे अलग कर दिया। उसने दावा किया कि जत्थेदार ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उसे परेशान किया और उसे अदालती मामलों में उलझाया। उसने आगे आरोप लगाया कि वह एसजीपीसी का कर्मचारी था, लेकिन उसकी नौकरी चली गई और वह अवसाद में चला गया।
एसजीपीसी द्वारा किसी निष्कर्ष पर पहुंचने तक तख्त दमदमा साहिब के मुख्य ग्रंथी को अस्थायी तौर पर जत्थेदार के कर्तव्यों की देखभाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लुधियाना के कटाना स्थित गुरुद्वारा देगसर साहिब में एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में एसजीपीसी की कार्यकारी निकाय की बैठक के दौरान समिति का गठन किया गया। धामी ने कहा कि शिकायत पर विचार-विमर्श के बाद कार्यकारी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जत्थेदार के पद की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए मामले की गहन जांच की जाए। उन्होंने कहा, "यह उप-समिति पूरे मामले की जांच करेगी, एक रिपोर्ट तैयार करेगी और 15 दिनों के भीतर इसे प्रस्तुत करेगी। जब तक हमें रिपोर्ट नहीं मिल जाती और उस पर अंतिम फैसला नहीं हो जाता, तब तक तख्त के कर्तव्यों का निर्वहन मुख्य ग्रंथी करेंगे।"
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