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बुड्ढा नाले की सफाई के लिए लोगों का प्रयास जरूरी: सीचेवाल


पंजाब डेस्क : बुड्ढा नाला की कार सेवा के दूसरे चरण की शुरुआत रविवार को राज्यसभा सदस्य बलबीर सिंह सीचेवाल ने की। इस चरण के दौरान सीचेवाल ने दरिया में गंदा और जहरीला पानी डालने पर रोक लगाने को प्राथमिकता दी है। रविवार को सीचेवाल ने लुधियाना के गऊ घाट पर अखंड पाठ साहिब का पाठ कर अरदास की। कारखानों और डेयरियों से निकलने वाले गंदे पानी को दरिया में गिराने वाले स्थलों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने इस प्राचीन धरोहर को बहाल करने के लिए सामुदायिक भागीदारी की जरूरत दोहराई। उन्होंने लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर, नगर निगम अधिकारियों और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधियों समेत प्रशासनिक अधिकारियों से हानिकारक पानी के अवैध बहाव के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार सेवा का उद्देश्य दरिया की प्राचीन स्थिति को बहाल करना है। 2 फरवरी से शुरू हुए पहले चरण के दौरान नदी के किनारों पर पौधारोपण अभियान चलाया गया और बेहतर पहुंच के लिए सड़कें बनाई गईं। सीचेवाल ने युवाओं से इस मिशन में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि सफलता के लिए उनकी ऊर्जा महत्वपूर्ण है। उन्होंने काली बेईं की सफल सफाई का उदाहरण दिया, जहां का पानी अब इतना शुद्ध है कि पीने लायक है, और कुल घुलित ठोस (टीडीएस) का स्तर 118 है। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि इस उपलब्धि में सामुदायिक समर्थन महत्वपूर्ण था और इसी तरह जल निकाय को बहाल करने में मदद कर सकता है। प्रदूषण के व्यापक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि काला संघियान नाले और चिट्टी बेईं का जहरीला पानी सतलुज नदी में बहता है और अंततः हरिके पट्टन के माध्यम से मालवा और राजस्थान तक पहुंचता है, जिससे लोगों की जान को खतरा होता है। उन्होंने चेतावनी दी, "यह जहरीला पानी कैंसर का एक महत्वपूर्ण कारण है।" सीचेवाल ने 2008 और 2011 में जनता के समर्थन से काला संघियान नाले से जहरीले पानी को रोकने सहित पिछली जीतों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि चिट्टी बेईं में नहर का पानी छोड़ने के लिए 1.19 करोड़ रुपये की लागत से एक नियामक बनाया गया है, जो प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि औद्योगिक और डेयरी अपशिष्ट एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। पर्यावरणविद् ने पंजाब के लोगों से सतर्क और सक्रिय रहने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक नागरिक जागरूक और एकजुट नहीं होंगे, पंजाब की नदियों और नालों को साफ नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने भावी पीढ़ियों के लिए जल संसाधनों की रक्षा के लिए सामूहिक कार्रवाई का आग्रह किया।

 

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