नगर निगम ने बुड्ढा दरिया की फेंसिंग पर करीब 14 करोड़ रुपए खर्च कर वाहवाही लूटने की योजना बनाई, लेकिन अधिकारियों और इंजीनियरों की यह योजना कारगर साबित नहीं हुई। निगम अफसरों की लापरवाही के कारण जनता के 14 करोड़ रुपए बर्बाद हो गए। फेंसिंग मिट्टी और कूड़े के ढेर में दब गई है। विधानसभा कमेटी के नाराजगी जताने के बाद भी अधिकारियों ने इसकी सुध नहीं ली है।
बुड्ढा दरिया को प्रदूषण मुक्त करने के लिए शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, एफुलेंट ट्रीटमेंट प्लांट बनाने समेत अन्य प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। इसके लिए अमरुत और स्मार्ट सिटी के तहत 650 करोड़ रुपए का बजट रखा गया था। इसमें से करीब 504 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इन कामों पर बुड्ढा दरिया में कूड़ा फेंकने से रोकने के लिए फेंसिंग लगाई गई। इसमें करीब 14 करोड़ रुपए खर्च होना बताया गया है। उम्मीद थी कि यह फेंसिंग लंबे समय तक टिकेगी, लेकिन अफसरों और इंजीनियरों की लापरवाही का आलम यह है कि फेंसिंग कई जगहों पर मिट्टी और कूड़े के ढेर के नीचे दब गई। कई जगहों पर फेंसिंग के बेस मिट्टी निकल गई है। इसके चलते फेंसिंग गिरने का खतरा बना है। फेंसिंग गिरने की घटना को करीब एक महीने का समय हो गया है, लेकिन निगम अधिकारियों और इंजीनियरों ने इसकी सुध नहीं ली है। मिट्टी में दबी फेंसिंग को उठाया तक नहीं गया है।
झुक गई है आधी फेंसिंग - विस कमेटी की नाराजगी के बाद भी अफसरों ने नहीं ली कोई सुध
भाजपा नेता प्रवीण बंसल ने कहा कि जितना भी नाले का प्रोजेक्ट बना था, इसके पीछे मंशा यह थी कि नाले की सफाई हो। वह ढंग से पानी कैरी कर सकें। निगम अफसरों ने उसकी एक्चुअल टारगेट की बजाय ऐसी आइटम पर पैसे खर्च किए, जिससे उन्हें मुनाफा होता है। फेंसिंग लगानी शुरू की तो नाले से गाद कैसे निकलेगी। बरसात में गाद निकालने के लिए मशीन लगानी पड़ी। जब यह लग रही थी, हमने उस समय मुद्दा उठाया था कि पूरा पैसा बर्बाद किया जा रहा है। इस कारण लोगों का नुकसान बढ़ेगा। ओवरफ्लो होने पर जाली तोड़नी पड़ी है। 50 फीसदी फेंसिंग झुक गई है, जो गिरनी शुरू हो जाएगी। 16 करोड़ रुपए बर्बाद हो गए। हमने निगम कमिश्नर को मांग-पत्र सौंपकर जांच की मांग की थी।
लापरवाही का आलम यह है कि विधानसभा कमेटी ने वीरवार को बचत भवन में आयोजित बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की थी। इसके बावजूद घटनास्थल पर निरीक्षण तक करने के लिए इंजीनियर नहीं पहुंचे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता परमिंदर मेहता ने आरोप लगाया कि बुड्ढा नाले में फेंसिंग लगाने में 14 करोड़ का घोटाला और गोलमाल हुआ है।
कोई समझदार व्यक्ति ऐसी चीजें नहीं कर सकता, जिसका वर्तमान और भविष्य में कोई लाभ नहीं है। फेंसिंग जिस तरह से लगाई गई है, वो भी तरीका ठीक नहीं था। एक परसेंट कोई कह दे कि कोई गोलमाल नहीं हुआ तो जनता के रुपयों की बर्बादी क्यू हुई।
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