गुजरात हाईकोर्ट ने फ़र्ज़ी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज कर दी है. हाई कोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने को कहा है. तीस्ता सीतलवाड़ पर साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में निर्दोष हिंदू लोगों को फंसाने के लिए फर्जी सबूत गढ़ने का आरोप है.
हमेशा से दूसरों पर आरोप लगाने वाली तीस्ता सीतलवाड़ आज खुद शिकंजे में है। इनपर गुजरात दंगा पीड़ितों की भावनाओं से खेलने का आरोप है।
घिनौनी राजनीति से प्रेरित इनकी सोच जगज़ाहिर है॥
ये वही हैं तीस्ता सीतलवाड़ जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी कि भगवान राम की मंदिर की जगह पर सार्वजनिक इमारत बनाई जाए..
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